माँ और बच्चे के लिए स्तनपान के क्या फायदे है?
स्तनपान क्या है?
एक शिशु को माँ के स्तनों से दूध पिलाने को स्तनपान कहा जाता है।
स्वास्थ्य पेशेवरों के हिसाब से एक बच्चे के पैदा होने के एक घंटे के भीतर ही बच्चे के जीवन में स्तनपान शुरू हो जाता है और बच्चे को जब जब और जितनी देर भी स्तनपान की आवश्यकता हो माँ को उसे कराना चाहिए।
बच्चे की पैदाइश के बाद उसके पहले हफ्ते में उसे हर 2 से 3 घंटे बाद स्तनपान कराया जाता है और हर स्तनपान 10 से 15 मिनट का हो सकता है।
वैसे तो शिशु के लिए इन्फेंट फार्मूला (Infant Formula) भी आता है जो एक पाउडर होता है जिससे 12 महीने से छोटे बच्चो के लिए दूध बनाकर बोतल के ज़रिये पिलाया जाता है।
पर, ये इन्फेंट फार्मूला माँ और शिशु को फायदे नहीं देता जो स्तनपान की प्रकिर्या देती है।
स्तनपान से माँ और बच्चे दोनों को क्या फायदे है?
चिकिसकों द्वारा स्तनपान की सलाह माँ को बच्चे के 1 से 2 वर्ष तक की आयु तक दी जाती है।
स्तनपान से बच्चे को होने वाले फायदे इस प्रकार है:
- स्तनपान से शिशु को सांस और अतिसार (Diarrhea) से जुडी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
- स्तनपान से शिशु का अस्थमा, खाने से होने वाली एलर्जी (allergy), टाइप 1 डायबिटीज (type 1 diabetes) आदि से बचाव होता है।
- स्तनपान से शिशु का संज्ञानात्मक विकास होता है जिससे वो चीज़ें जल्दी सीखता है।
- स्तनपान से शिशु के बड़े होने पर उसके शरीर में अतिरिक्त वज़न बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।
स्तनपान से माँ को होने वाले फायदे इस प्रकार है:
- शरीर में एक दम से कान, नाक या किसी और नस से खून बहने को हेमरेज (hemorrhage) भी कहते है। जिसका खतरा स्तनपान से घट जाता है।
- स्तनपान माँ के गर्भाशय का अकार घटाने में मदद करता है।
- स्तनपान से बच्चे को जनम देने के बाद माँ के शरीर में शक्ति की कमी, या बहुत उदासी महसूस होने जैसी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
- स्तनपान से माँ को स्तन के कैंसर होने का खतरा भी घट जाता है।
- स्तनपान से माँ का दिल के रोग और गठिया (arthritis) जैसे रोगों से बचाव होता है।
- स्तनपान के फायदे होने के साथ ही ये इन्फेंट फार्मूला जैसी चीज़ से सस्ता और भरोसेमंद भी है।
दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संगठन, WHO (World Health Organization) भी हर माँ को बच्चे की 6 माह तक की आयु तक स्तनपान कराने की सलाह देता है।
6 माह तक बच्चे को किसी प्रकार के खाने या पेय की ज़रूरत नहीं होती और 6 माह की आयु के बाद बच्चे को और प्रकार भोजनो के साथ भी 1 से 2 वर्ष तक की आयु तक स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है।