जोड़ों का दर्द: जोड़ों के दर्द के प्रकार, कारण और इलाज

जोड़ों का दर्द: जोड़ों के दर्द के प्रकार, कारण और इलाज

जोड़ों का दर्द क्या है और क्यों होता है? 

हमारी हड्डियाँ आपस में जोड़ों के सहारे जुड़ी होती है इन जोड़ों में कुछ तरल, पदार्थ और गैस होती है जो हड्डियों को आपस में जुड़े रहने और घूमने में मदद करते है।

जब हमारे जोड़ों में किसी बीमारी, चोट या खाने की कमी की वजह से किसी तरह की दर्द या जलन होती है तो इसे जोड़ों का दर्द कहा जाता है। 

ये हमारे शरीर के सही से काम करने में बाधा डालते है साथ ही हमारे शरीर में आलस्य  बढ़ा देते है जिससे हमारी रोज़मर्रा की गतिविधियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 

जोड़ों का दर्द कितने प्रकार का है? 

जोड़ों के दर्द के कारण तो कई हो सकते है पर जो 2 मुख्य प्रकार है वो यह है:

  • ऑस्टिओआर्थइराइटिस (Osteoarthritis) 
  • रहूमटॉइड आर्थइराइटिस (Rheumatoid arthritis)

ऑस्टिओअर्थिराइटिस:- ऑस्टिओआर्थइराइटिस सबसे आम तरह का अर्थिराइटिस है जो कि तब होता है जब हमारे जोड़ों में लगा हुआ कार्टिलेज (cartilage) खराब हो जाता है। ये सबसे ज़्यादा घुटनों, हाथों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी में होता है।

रहूमटॉइड आर्थइराइटिस:- रहूमटॉइड आर्थइराइटिस ऐसा अर्थिराइटिस है जो कि हमारे जोड़ ही नही बल्कि शरीर के बाकी अंगों और प्रणालियों को बुरी तरह से प्रभावित करता है जैसे हमारी ऑंखें, फेफड़े, त्वचा तथा रक्त वाहिकाएं। 

जोड़ों के दर्द की समस्या किन लोगों को ज़्यादा होती है? 

जोड़ों के दर्द की समस्या के कई कारण हो सकते है पर उनके 4 मुख्य कारण नीचे दिए गए है: 

पारिवारिक बीमारी:- कुछ अर्थिराइटिस ऐसे होते है जो परिवार में पुश्तों से चले आ रहे होते है जिसे हम पुश्तैनी अर्थिराइटिस भी कह सकते है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक परिवार के होने के कारण उनके जीन भी पर्यावरण कारकों से जल्दी प्रभावित होकर अर्थिराइटिस को उजागर कर देते है।

उम्र का बढ़ना:- बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में कार्टिलेज (cartilage) कमज़ोर हो जाता है जिसके कारण अर्थिराइटिस हो जाता है।

मोटापा बढ़ना:- वज़न ज़्यादा बढ़ जाने से भी आपके जोड़ों पर तनाव पड़ता है जिससे अर्थिराइटिस होना लाज़मी सी बात है वज़न बढ़ने से सबसे ज़्यादा घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी पर तनाव बढ़ता है।  

कोई पुरानी जोड़ की चोट होना:- कभी कभी किसी जोड़ की चोट की वजह से कार्टिलेज (cartilage) को क्षति होती है और वो पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता और हम उसे इस्तेमाल करना शुरू कर देते है ये भी एक कारण है कि उस जोड़ में अर्थिराइटिस पैदा हो जाता है।

जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए क्या करना चाहिए? 

जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए 3 तरीके होते है जो कि इस प्रकार है:

दवाई का इस्तेमाल करके (medication)

दवाइयों के ज़रिए भी अर्थिराइटिस का इलाज किया जाता है जिसमे दवाइयों की 4 तरह की किस्में इस्तेमाल की जाती है।

इन 4 किस्मों में दवाई के 4 इस्तेमाल किये जाते है जैसे कि: 

  • दवाई जो सिर्फ जोड़ों की जलन घटाती है दर्द नहीं  
  • दवाई जो जोड़ों की दर्द घटाती है जलन नहीं  
  • दवाई जो जोड़ों की दर्द और जलन दोनों घटाती है
  • दवाई जो आपके जोड़ों से दिमाग तक जाने वाले दर्द संकेतों को बाधित करती है

शल्य चिकित्सा (surgery) के ज़रिये 

शल्य चिकित्सा में आपके जोड़ को एक नकली जोड़ के साथ बदल दिया जाता है इस चिकित्सा का सबसे ज़्यादा प्रयोग कूल्हों और घुटनों के लिए किया जाता है।

अगर आपकी कलाईयों और उँगलियों के जोड़ों में अर्थिराइटिस हो तो हड्डियों के सिरों को एक साथ बंद कर दिया जाता है जब तक कि वो ठीक ना हो जाएँ।

भौतिक चिकित्सा (physical therapy)

भौतिक चिकित्सा में ग्रस्त जोड़ के आस पास की मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए कसरत कराई जाती है जिससे कि वो जल्दी ठीक हो सके।